इस्लाम में औरतें
पैग़म्बर (स।अ.व) और परिवार का महत्व...
पैगंबर (स।अ।व) ने कहा "आप में से सबसे अच्छा वही है जो अपने परिवार के लिए सबसे अच्छा है।और मैं आप
सबसे
अच्छा हूं मेरे परिवार के लिए।" (अल- तिर्मिधि और इब्न माजा, सहिह)
पैगंबर (स।अ।व) अपने परिवार के साथ कैसा व्यवहार करते हैं: अल असवद बिन यज़ीद ने कहा, "मैंने 'आयशा (र।अ) से पूछा - अल्लाह के रसूल (PBUH) उनके घर में कैसे व्यवहार करते हैं। उन्होने कहा,' वह अपने परिवार की सेवा करते है, और जब नमाज का समय होता है, वह वजु करते हैं, और नमाज के लिये निकल जाते।
"पैगंबर (स।अ।व) ने लोगों को सलाह दी कि वे अपनी महिलाओं के साथ दया का व्यवहार करें और उनकी भावनाओं के बारे में सोचें ताकि वे उनके साथ खुशियों में रह सकें। उन्होंने पिता को अपनी बेटियों के प्रति दयालु होने की सलाह दी।”"
"पैगंबर (स।अ।व) ने कहा, 'जो भी अपनी दो लड़कियों की देखभाल करता है जब तक वे बड़े नहीं हो जाती हैं, वो और मैं इस तरह क़यामत के दिन होंगे, जब उन्होने अपनि दोनो उंगलियों को जोडा।
उन्होंने बेटों को अपनी माताओं की देखभाल करने की भी सलाह दी। उनसे पूछा गया कि "अल्लाह और पैगंबर के बाद मुझे किसका सबसे अधिक सम्मान करना चाहिए?"
पैगंबर (स।अ।व) ने जवाब दिया, "तुम्हारी माँ, फिर तुम्हारी माँ, फिर तुम्हारी माँ, और फिर तुम्हारे पिता।"
पैगंबर (स।अ।व) ने अपने अंतिम हज पर सैकड़ों हजार तीर्थयात्रियों के सामने कहा, "आप अपनि महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार करें! आप अपनि महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार करें!!" (मुस्लिम और अल-तिर्मिदी)
एक महिला अपने पति की गरीबी, बदसूरतता और व्यस्त कार्यक्रम के साथ धैर्य रख सकती है, लेकिन वह उस्के अशिष्ट व्यवहार के साथ धैर्य नहीं रख सकती है।
इस्लाम में माता का सम्मान किया जाता है, बेटियों को सम्मानित किया जाता है और पत्नियों को सम्मानित किया जाता है। इस्लाम महिलाओं को सबसे अच्छा सम्मान देता है, वह सम्मान जिसकी वह हकदार है।